पहले देश के किसान सिर्फ पारंपरिक खेती को ही विश्वसनीय मानते थे, लेकिन बदलते समय और बाज़ार में विदेशी सब्जी और फलों की डिमांड को बढ़ता देख किसानों ने नई फसलों को अपनाना शुरू कर दिया है. कई फल ऐसे हैं जिनकी भारत में डिमांड होने की वजह से उन्हें विदेश से आयात किया जाता है. भारतीय किसानों ने इन फलों की भारी डिमांड देखते हुए इन फलों की खेती करना शुरू कर दिया है. इससे किसान की मोटी कमाई भी हो रही है.
आज के समय में अपने समाज की महिलाएं भी किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं. अब हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं. आज महिलाएं अपने देश का नाम रौशन कर रही हैं. ऐसी ही एक शख्सियत का नाम है सीता देवी. परंपरागत रास्ते से हटकर कुछ अलग करने की राह चुनने वालों का माखौल उड़ाना लोगों की पुरानी आदत है. जब वही शख्स अपने लिए चुनी गई मंजिल पर पहुंच जाता है तो आलोचक ही उसके प्रशंसक बन जाते हैं. तब लोग उनके हौसले की तारीफ करते नहीं थकते. आईये जानते हैं सीता देवी की कहानी.
उत्तराखंड के टिहरी जिले के दुवाकोटी गांव में रहने वाली सीता देवी ने कुछ साल पहले जब कीवी के पौधे लगाकर इसके फलों का व्यापार करने का फैसला किया. परंपरागत फसलों वाले क्षेत्र में जब सीता देवी ने विदेशी फल कहे जाने वाले कीवी की खेती शुरू की तो लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने फैसले पर अडिग रहकर मेहनत करती रहीं. इस समय तक गांव के लोगों ने कीवी फल का नाम भी नहीं सुना था. आज इसी फल की बदौलत वह हर साल लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं. अब क्षेत्र के लोग उन्हें ‘कीवी क्वीन’ के नाम से जानते हैं.