अगर ऐसी स्त्रियों से हो जाए शादी तो उनके इन विचारों से घर बन जाता है स्वर्ग

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आचार्य चाणक्‍य दुनिया के महानतम, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे. उन्होंने अपनी नीतियों के बल पर ही एक साधारण से बालक चंद्रगुप्‍त मौर्य को पुरे भारतवर्ष का सम्राट बना दिया था. आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां आज भी न सिर्फ शासन के लिए बल्कि मनुष्य के जीवन में भी काफी मददगार साबित हो रही हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवनसाथी चुनने को पति-पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है. शास्त्रों में तो कहा गया है कि यह रिश्ते पहले से बनकर आते हैं. कई ऐसी स्त्रियां हैं जो अपने पति की सोई किस्मत को जगा देती है. उनके भाग्य में ऐसा परिवर्तन देखने को मिलता है जो विवाह के पूर्व नहीं होता है. तभी तो कुछ पत्नियों के बारे में कहा जाता है कि यह पत्नियां अपने पति के लिए लकी साबित हुई है. आचार्य चाणक्य भी इस बात का समर्थन करते हुए कहते हैं के पत्नियों का कुछ विशेष तरह का गुण पति को भाग्यशाली बनाने में सहायक होता है. आईये जानते हैं कौन से हैं ऐसे खास गुण जो आपको लकी बना देगा.

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।

रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।

1- चाणक्य नीति के मुताबिक, पुरुषों को सुंदर स्त्री के पीछे नहीं भागना चाहिए. आचार्य चाणक्य के मुताबिक पत्नी अगर गुणवान हो तो विपत्ती के समय भी परिवार संभाले रखती है.

2- उपरोक्त श्लोक के मुताबिक चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि इंसान को विवाह से पहले साथी चुनते समय उसके शरीर के बजाय उसके गुणों को देखना चाहिए.

3- चाणक्य नीति के अनुसार, धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाला इंसान मर्यादित होता है. इसलिए विवाह से पहले यह जान लेना चाहिए कि उन्हें धर्म-कर्म में कितनी आस्था है.

4- आचार्य चाणक्य के मुताबिक, एक स्त्री में बाहरी सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता होनी चाहिए. इसके साथ ही उसमें धैर्य होना चाहिए.

5- आचार्य चाणक्य कहते हैं की गुस्सा सबसे बड़ा दुश्मन होता है. चाणक्य का कहना है कि जिस स्त्री को बहुत गुस्सा आता हो वो परिवार को कभी सुखी नहीं रख सकती है.

6- आचार्य नीति के मुताबिक ऐसी स्त्री से कभी शादी नहीं करना चाहिए जो अपनी मर्जी से विवाह न कर रही हो, ऐसी स्त्री आपको कभी खुश नहीं रख सकती और न ही आपको कभी सम्मान दे सकती है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पारिवारिक विकास में पत्नियों का अहम योगदान होता है. क्योंकि अगर शिक्षित और संस्कारित स्त्री बहू बनकर घर आती है तो वह घर परिवार मे मेलजोल बढ़ाकर संगठित करती है. जिससे परिवार के लोग तरक्की करते हैं. साथ ही वह जीवन में आ रही परेशानियों से आसानी से बाहर निकल सकते हैं. चाणक्य ने अपनी नीतियों में उल्लेख किया है की जिस घर में संस्कारी बच्चे और आज्ञाकारी पत्नी होती है उनका घर स्वर्ग बन जाता है.

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