बिहार के मैन ऑफ़ स्टील:- बिजय किशोरपुरिया

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बिहार के स्टील के क्षेत्र में आज बिजय किशोरेपुरिया एक बड़ा नाम हैं. और वर्तमान में आज  BMW Group के चेयरमैन भी हैं जो की आज बिहार में एक बड़ा नाम बन चुका हैं. 2008-09 ISO के द्वरा प्रमाणित यह कंपनी आज बिहार की सबसे बड़ी स्टील की निर्माता और विक्रेता कंपनी बनी हुई है. पिछले 38 सालो से यह कंपनी टाटा स्टील लिमिटेड के तरह तरह के उत्पादों का निर्माण और सप्लाई कर रही हैं. पर यह कोई एक दिन की मेहनत की बात थोड़ी न हैं यहाँ तक जाने में न जाने कितने दिन का समय लगा होगा.

BMW Group जो की उनके पिता सागरमल किशोरपुरिया के माध्यम से स्थापित की गई कम्पनी जो की तीन फर्मों की रचना करता हैं. साथ ही यह कंपनी लगभग पिछले 3 दशको से टाटा  स्टील लिमिटेड के साथ साझेदारी में हैं और टाटा के प्रसिद्ध ब्रांड्स जैसे Tata Tiscon , Tata shaktee, Tata durashine, Tata Wiron, Tata pravesh, Tata Kosh Tata Astrum Tata Structura Tata Agricio Tata Galvano जैसे और भी अन्य टाटा उत्पादों के आज इनकी कंपनी काम करती आ रही हैं. इसके साथ इनकी कंपनी महिंद्रा जैसी नामी कम्पनी के साथ भी काम कर रही हैं जिनके साथ आज इनकी कंपनी में लगभग 600 से 800 से भी आधिक कर्मचारी आज इनके एक ब्रांच के नीचे काम कर अपना रोजगार पा रहे हैं जो अपने आप में बिहार के लिए बहुँत ही गौरव की बात हैं. आज बिजय किशोरपुरिया जी की कंपनी का नाम मार्केट में बहुँत बड़ा नाम बन चुका हैं.

बिजय किशोरपुरिया अपनी कंपनी के साथ साथ वो 1994 से भागलपुर में अपनी एक मिल भी चला रहे| यह काम उनको मार्केट में एक मजबूत नेटवर्क बनाने में भी मदद कर रहा हैं| समय के साथ उन्होंने अपनी नीतियों में भी परिवर्तन भी करते आ रहे हैं. वो कहते हैं की इस काम के दिनों में वो अपने परिवार को भी टाइम देना नही भूलते हैं जिसके कारण वो एक नया उर्जा से भर जाते हैं. इस समय में उनके अनुसार वो लगभग 50 नए डीलरो के सम्पर्क में जो आने वाले समय उनकी कंपनी के काफी लाभ की बात होगी.

TATA TISCON के सबसे अधिक प्रोडक्ट्स बचने का रिकॉर्ड

बिजय किशोरपुरिया जी की कंपनी ने नवम्बर 2018 ने TATA TISCON के सबसे अधिक प्रोडक्ट्स बचने का रिकॉर्ड बनाया था| बीते 18 सालो से इनकी कंपनी टाटा के लगभग 5351 मिलियन टन उत्पादों को बेच चुकी हैं. ऐसा करने वाली यह बिहार की एक मात्र कंपनी बन चुकी हैं यह रिकॉड इनकी कंपनी के लिए किसी कीर्तिमान से कम नहीं हैं| पिछले 9 सालो से बिजय जी कंपनी टाटा लिमिटेड के प्रमुख सहयोगी कंपनी बनी हुई हैं.

बिहार में मैन ऑफ़ स्टील के नाम से जाने वाले बिजय जी के दोस्त बताते हैं की बचपन से ही बिजय जी बेहद शर्मीले और शांत मिजाज़ के इंसान रहे हैं| आज समाज में उनकी एक अलग की छवि हैं| कोमल बोली और कम बोलने वाले बिजय जी आज देश ही नहीं दुनिया में काफी प्रसिद्ध उद्योगपति माने जाते हैं. अगर आप भी कभी एक बार इनसे मिलेगे तो आप भी इनको अपना आदर्श बना लेंगे. वो हमेशा ही अपने साथ के लोगो को बिलकुल ही उनके अपने घर जैसा महसूस करवाते हैं जो उनकी सहजता को भी दर्शाता हैं|

बिजय किशोरेपुरिया का जन्म

एक बेहद ही मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे बिजय किशोरपुरिया जी का जन्म राजस्थान के झुंझनु जिले के शेखावाटी गावं में हुआ| इसके पूर्वज राजस्थान के ही सामान्य कारोबारी थे फिर बाद में वो लोग प्रवासित होकर बिहार आ गये और बिहार से ही अपने नए सफ़र की शुरुआत की. इन्होने राजस्थान से आने के बाद जल्द ही बिहार की संस्कृति को अपना लिया. इनके पूर्वज लगभग 100 सालो पूर्व ही राजस्थान से बिहार आ गये थे वैसे में बिजय किशोरपुरिया जी को बिहार में तो सफल होना ही था. बिजय किशोरपुरिया जी बताते हैं की ” वो मेरे परदादा जी भगवान दास किशोरपुरिया जी ने 1890 के दशक में भागलपुर आ गए और यही से ही स्टील का कारोबार करना शुरू कर दिया समय के साथ साथ यह आगे भी गया परतु कुछ खास सफल नहीं हो पाया पर एक बात सामने आई की मेरा परिवार ही इस कारोबार से आरम्भ से जुड़ा रहा और मैं भी कभी अपने आप को इस से अलग नहीं कर पाया.

अपनी इंटर की पढाई को पूरा करने के बाद बिजय किशोरपुरिया जी साल 1971 में भागलपुर के मारवारी कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की उसके बाद साल 1985 में पटना चले गए और पटना से ही स्टील में व्यापार करना शुरू कर दिया.

बिजय किशोरपुरिया के अनुसार

बिजय किशोरपुरिया बताते हैं की उनके पिता से बचपन से ही उनको बेहद ही प्यार किया करते थे उनके पिता ने हमेशा ही उनको समाज से कुछ आगे होकर कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिली जो आज उनको काम में काफी मदद किया और आज भी करता आ रहा हैं. हमेशा ही उनके आदर्श रहे हैं. छ भाइयो में एक बिजय किशोरपुरिया ने हमेशा ही कुछ आईडिया पर काम करने वाले इंसान हैं. हमेशा से बिजय किशोरपुरिया जी अपने परिवार के संस्कृतियों को ध्यान से देखा हैं वो इस बारे में बताते ही की बिहार में उन्हें ऐसा कभी नहीं लगा की वो बिहार से नहीं हैं.

अपने परिवार की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए कारोबार करना कोई आसन बात नहीं थी फिर भी बिजय किशोरपुरिया जी अपने कठिन परिश्रम से इसको आसन बना दिया इसके लिए उन्होंने मध्य प्रदेश से MBA की पढाई पूरी की.

नितिन जो की जो की वर्तमन समय में B.M.W. Group के निर्देशक भी हैं वो बताते हैं सेल्स मार्केट में अभी B.M.W. Group जाने का विचार भी कर रही हैं और उसके लिए हमारी कंपनी पूरी तरह से कदम भी बढ़ा रही हैं. इसके आगे नितिन बताते हैं की आज हमारी कंपनी एक जानी मानी कंपनी हैं फिर भी हम लगातार अपनी गलतियों से सीख रहे हैं और हम लगातार अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास भी कर रहे हैं. उनका मानना है की हमारी कंपनी आज टाटा स्टील लिमिटेड की एक जानी मानी कंपनी हैं और हम लगातार इसका सहयोग करने के लिए प्रयासरत हैं. आज B.M.W. Group बिहार की एक बड़ी और जानी मानी स्टील कंपनी हैं और आज पुरे बिहार में स्टील के कारोबार में इस कंपनी का नाम पहले नंबर पर आता हैं

नितिन के अनुसार बिजय किशोरपुरिया जी उनके लिए आदर्श हैं और लगातार उनसे सिखने का प्रयास भी कर रहे.

नितिन के अनुसार साल 1983 जब इस कंपनी का पहला समारोह पटना के गाँधी मैदान में आयोजित किया गया तब हम में किसी ने यह नहीं सोचा था की आज यह कंपनी इस मुकाम पर होगी.

बिजय किशोरपुरिया बताते हैं 2011 में जब संरचना के नाम पर बिहार में कुछ नहीं था वैसे में हमारी कंपनी के सामने अनेको चुनौतिया थी तब मेरे मन ये विचार आया की क्या होगा और कैसे होगा? और आज मेरे मन ये आता हैं की मैं अकेला ही चला था जानवे मंजिल मगर लोग साथ आते गये और करवा बनता गया. बिजय किशोरपुरिया आगे कहते की इतने सालो में हमने बिहार का चेहरा और छवि दोनों को बदलने का प्रायस किया और काफी हद इस में सफल भी रहे हैं. वो आगे कहते की बिहार की संरचना ही आज बिहार का पुरे देश में अन्य राज्यों के मामले में पीछे रहने का एक प्रमुख कारण भी रहा हैं और हमारी और हमारी कंपनी का सदा ही यह प्रयास रहा हैं की हम हमेशा इसके विकाश के लिए काम करते रहे हैं.

बिजय किशोरपुरिया का डेली रूटीन

बिजय किशोरपुरिया के अनुसार आज हमारे अन्दर की समस्या ही हमे समाज में कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करती हैं. वो आगे कहते की आज भी मैं अपने बिजी दिन के कामो के बाद बचे हुए समय में यह सोचता हु की क्या मैं अब भी इस काबिल हु की मैं कुछ नया कर सकता हु, यही सब चीज़े मुझे आज आगे जाने मैं कारगर साबित होती हैं.

बिजय किशोरपुरिया के बारे में उनकी पत्नी सबिता जी बताती हैं की बिजय किशोरपुरिया जी आज भी समय के उतने ही पाबंद हैं जैसे की शादी के समय थे आज भी सुबह 7 बजे उठकर उनके लिए नास्ता बनती हु, उनके लिए उनका कपडा लगाती हु. शादी के उतने साल हो जाने के बाद भी केवल बिजय किशोरपुरिया जी के कारण यह अनुसाशन आज भी बना हुआ हैं. वो आगे बताती है की आज इतने बड़े मुकाम पर जाने के बाद भी बिजय किशोरपुरिया जी सादा जीवन जीना, साधरण कपडे का पहनावा और एकदम सदा भोजन करना ही उनको आज भी पसंद हैं. यह गतिविधियों से हमे यह पता चलता की जिस मुकाम से उठकर बिजय किशोरपुरिया जी आज इस जगह पर पहुचे हैं वो उनको भली भाति याद रहा हैं और आज भी वो इन बातो को अमल में ला रहे हैं.

बिजय किशोरपुरिया जी आज के उन तमाम लोगो के लिए एक मिसाल बने हुए जो बिहार से बहार जाकर अपना काम करते हैं उनके लिए बिजय किशोरपुरिया एक वैसे उदाहरण हैं जिन्होंने राजस्थान से बिहार आकर आज इतनी बड़ी कंपनी BMW Group को खोलकर आज बिहार के न जाने कितने लोगो को ही रोजगार दे रहे हैं और लगातार बिहार के विकाश में अपना योगदान दे रहे हैं.

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