जानें ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट की सफलता की कहानी

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भारत की टॉप ई-कॉमर्स वेबसाइट में एक जाना-माना नाम है फ्लिपकार्ट. इस वेबसाइट के जरिये लोग घर बैठे आज विभिन्न तरह के वस्तुओं को खरीदते एवं बेचते है. आज के दौर में फ्लिपकार्ट के कम्पटीशन में कई ई-कॉमर्स साइट्स आये लेकिन फ्लिपकार्ट टॉप पर अपनी जगह बनाए हुए लगातार आगे बढ़ रहा है। आज हम आपको इसकी फ्लिपकार्ट सक्सेस स्टोरी शेयर कर रहे हैं.

IIT दिल्ली से पढ़े दो भाई सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने साल 2007 में फ्लिप्कार्ट कंपनी की शुरुआत की थी. इन्होने पहली इन्वेस्टमेंट में वेबसाइट बनाने में चार लाख रूपए खर्च किये थे . आज फ्लिप्कार्ट 20 बिलियन की बन चुकी है. सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों ने ही IIT दिल्ली से अपना ग्राजुएशन कंप्यूटर साईंस से कम्पलीट किया. पढ़ाई के बाद सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों अमेरिका चले गए और AMAZON में जॉब करने लगे, जो दुनिया की सबसे बड़ी ई-कोमर्स कंपनी है.

खुद की कंपनी खोलने का किया विचार

AMAZON में काम करने के दौरान ही उन्हें भारत में इसी तरह की खुद की कंपनी खोलने का विचार आया. इसके बाद भारत में अपनी कंपनी खोलने के लिए सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने एक साथ AMAZON में नौकरी छोड़ दी और भारत आ गए. विदेश में जॉब छोड़कर भारत आना यह दोनों के लिए ही एक बड़ा रिस्क था. सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने मिलकर सबसे पहले मार्केट में रिसर्च किया और 5 सितम्बर 2007 को फ्लिप्कार्ट नाम की कंपनी की नीव रखी. जब फ्लिप्कार्ट कंपनी आई थी तब भारत में ना के बराबर ई-कोमर्स कंपनी थी. जो पहले से कुछ कंपनीज थी भी तो वह लोगों की सोच के कारण असफल हो रही थी. लोगों का मानना था की बिना देखे किसी भी समान का कैसे भरोसा करें और पैसे ऑनलाइन कैसे पेमेंट करें. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने मार्केट में कैश ऑन डिलीवरी का आप्शन लाकर लोगों की सोच बदली.

आर्डर आने पर खुद जाते थे पहुँचाने

भारत में कैश ऑन डिलीवरी लाने वाली यह पहली कंपनी थी. जिससे लोगों का कंपनी पर भरोसा बना और कंपनी को ग्रो करने में मदद मिल गयी. फ्लिप्कार्ट कंपनी ने शुरुआत में किताब बेचने पर फोकस किया. सचिन और बिन्नी बंसल बूक शॉप के सामने खड़े होकर पम्पलेट बाटा करते थे. किताब का आर्डर आने पर खुद सचिन बंसल और बिन्नी बंसल किताबों को पहुँचाने जाते थे. आखिरकार दोनों की मेहनत रंग लायी और 2008 में इन्हें हर रोज 100 किताबों के आर्डर मिलने लगे.

आखिरकार रंग लायी मेहनत कंपनी के प्रोग्रेस को देखकर इन्वेस्टर भी आकर्षित हुए और कंपनी को फंडिंग मिलना शुरू हो गया. इसके बाद फ्लिप्कार्ट पर फैशन, मोबाइल, कंप्यूटर, कपड़े, राशन जैसे सभी सामान मिलने लगे. उसके बाद इस कंपनी ने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. शुरू में जिस व्यक्ति ने फ्लिप्कार्ट पर 4 लाख इन्वेस्ट किये थे उसे आज 130 करोड़ मिले. अब भारत में इस कंपनी के बहुत सारे कस्टमर्स बन चुके हैं. समय के साथ और भी कंपनियां मार्केट में आयीं जिसमें अमेजन भी शामिल है, लेकिन फ्लिप्कार्ट आज भी नंबर एक पर है. अमेरिका की एक कंपनी वालमार्ट ने 2018 में फ्लिप्कार्ट को 16 बिलियन देकर 77% शेयर ख़रीदे. आज फ्लिप्कार्ट 30000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और 2019 में इसकी रिवेन्यु 5 बिलियन थी.

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